Thokar Shayari: कहते है की जिंदगी का असली मतलब इंसान को तब पता लगती है जब वह ठोकर खता है और गिरता है उससे पहले तो जिंदगी में सब कुछ बढ़िया चल रहा होता है। ये ठोकर खाने का मतलब होता है की जब आप स्कूल, कॉलेज खत्म कर कर पैसे कमाने की तलाश में निकलते हो और फिर दुनिया भर इंटरव्यू देते हो रिजेक्ट होते हो, परेशान होते है और घर की जिम्मेदारियां लेते हो तब आपको असली मेहनत और जिंदगी का मतलब पता चलता है।
Thokar Shayari in Hindi
आज के इस लेख में हमने आपके लिए सबसे अच्छे Thokar Shayari in Hindi साझा की है जिनको आप पढ़ सकते हो और अपना मन हल्का करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से भी शेयर कर सकते हो क्युकी कहते है न कोई भी चीज हो बाटने से काम होती है चाहे वो दुःख, परेशानी या फिर घर ही क्यों न हो।जो फकीरी मिज़ाज रखते हैं वो ठोकरों में ताज रखते हैं, जिन को कल की फिकर नहीं वो मुठ्ठी में आज रखते हैं।
आँधियों से शिकवा न था, तूफानों से गम न किया, साहिल को छू लेते मगर ठोकरों को तूने कम न किया। - साजन
दुनियाँ की हर चीज ठोकर लगने से टूट जाया करती है दोस्तो, एक कामयाबी ही है जो ठोकर खा के ही मिलती है।
मुश्किलों का कोई गम नहीं हमें, कि हर रास्ते पर मुस्कुराकर चलते हैं, ठोकरें हमें क्या ठोकर मारेंगी हम तो खुद उन्हें ठुकराकर चलते है। - साजन
कभी-कभी पत्थर की ठोकर से भी नहीं आती खरोंच, और कभी ज़रा सी बात से इंसान बिखर जाता है।
ये चाहता मैं भी हूँ कि ठोकरें लगती रहें तेरी, तुझे मैं याद रख सकूं ये आग जलती रहे मेरी, मेरे सब्र को मेरी बेबसी की इन्तहां मत समझना ये तूफ़ान का इशारा है जो इस वक़्त खामोशी है मेरी।
संभल-संभल के चलने के बावजूद कभी-कभी ठोकर लग जाती है। ये दुनिया है ही कुछ ऐसी।
ठोकर इसलिए नहीं लगती है कि इंसान गिर जाए, ठोकर इसलिए लगती है कि इंसान संभल जाएँ।
छोटी से छोटी गलतियों से बचना सीखिए, हम ठोकर पत्थर से खाते है, पहाड़ से नहीं। - Thokar Shayari Hindi
पत्थरो को ये मसला खल गया, वो ठोकरो के बाद भी कैसे चल गया।
जीवन के ये रास्तें लम्बें हैं सनम, काटेंगे ये जिंदगी ठोकर खाके हम।
ठोकर लग जाती है, क्यूकी गिरने वालो की तादाद बढ़ गयी है।
रोज तेरे बगैर चलने की कोशिश करता हूँ, पर जब ठोकर लगती है तो तेरा साथ ढूँढ़ता हूँ।
ठोकर लग जाती है मगर रुकती नहीं, वो जिंदगी है मौत से पहले राह बदलती नहीं।
ज़िन्दगी की ठोकर सबसे निराली होती है, जब भी लगती है तो किसी असलियत को दिखा जाती है या फ़िर कुछ नया सिखा जाती है।
कभी पत्थर की ठोकर से भी नही आती खराश, कभी एक ज़रा सी बात से इंसान बिखर जाता हे। - Thokar Shayari in Hindi
जिंदगी की दौड़ में ठोकर खाकर सभी गिरते हैं, फिर बहुत लोग उठते है, लेकिन बहुत कम लोग मुश्किलों से फिर दुबारा लड़ते है।
छोटी सी एक भूल, ज़िंदगी के हालात बदल देती है, प्यारी सी मुस्कान, ग़मों को खुशी में बदल देती है।
अगर ठोकर लेन से कामयाबी मिलती है तो ऐसे ठोकरों का जिंदगी में स्वागत करें।
खा कर ठोकर ज़माने की, फिर लौट आये मयखाने में, मुझे देख कर मेरे ग़म बोले, बड़ी देर लगा दी आने में।
वक़्त लगेगा, पर संभल जाएंगे, ठोकर से गिरे हैं, अपनी नजरों से नहीं।
क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क ने जाना है, हम खाक नशीनो की ठोकर में ज़माना है।
सलाह के सौ शब्दों से ज्यादा अनुभव की एक ठोकर इंसान को मजबूत बनाती है, कुछ बातें समझाने पर नहीं बल्कि खुद पर बीत जाने पर ही समझ में आती है।
Thokar Lagne Wali Shayari
बिखरे तो फिर ज़माने की ठोकर में आ गए, और मुत्तहिद हुए तो ज़माने पे छा गए।
जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर, हर किसी को अपनी मोहब्बत पर नाज होता है।
कदम यूं ही डगमगा गए मेरे रास्ते से, वरना संभालना हम भी जानते थे, मुझे ठोकर उस पत्थर से लगी, जिसे हम अपना रब मानते थे।
कांटे राहों में बहुत थे मगर, ठोकरों के तजुर्बे से चलना था सीख लिया, अंधेरों को मिटाने की जरूरत जब पड़ी, रौशनी के लिए खुद जलना था सीख लिया। - साजन
ये जिंदगी भी क्या से क्या बना देती है, हर किसी को सलीके से जीना सिखा देती है, यूं तो जिंदगी बहुत आसान नजर आती है, एक हल्की सी ठोकर भी संभलना सिखा देती हैं।
ये कमबख्त दिल बहुत साजिशें करता है, जो ठोकर मारे ख्वाहिश उसी की करता है। - Thokar shayari in Hindi
एक ठोकर में ऐसे बर्बाद हुआ दिल, जैसे हँसता खेलता कोई बच्चा, यतीम हो जाएँ।
सींचा था मैंने जिसे फूल की तरह, एक ठोकर में उड़ा दी उसी ने धूल की तरह।
खा चुकेे ठोकर दोबारा खाएं क्या, फिर से तुम्हारे चक्कर में पड़ जाएं क्या।
नाकामियों से कम न हुआ हौसला मिरा ठोकर लगी तो और संभलता चला गया। - रहमत इलाही बर्क़ आज़मी
ठोकर किसी पत्थर से अगर खाई है मैं ने, मंज़िल का निशाँ भी उसी पत्थर से मिला है। - बिस्मिल सईदी
समझाया था देख के चलिए, कैसी खाई ठोकर कहिए। - शाद आरफ़ी - Hindi Thokar Shayari
दर्द तब होता है, जब खुद को ठोकर लगती है, वरना दूसरों का तो सिर्फ लहू नजर आता है पर दर्द नहीं।
कुछ देर रूकने के बाद फिर से चल पड़ना दोस्त, हर ठोकर के बाद सम्भलने में वक़्त लगता है।
ऐ तकदीर आ तेरी पैरों, में मरहम लगा दूँ, कुछ चोटें तुझे भी आयी होंगी, मेरे सपनों को ठोकर मारते-मारते।
आखिरी शब्द:
आशा करता हूँ की आपको यह Thokar Shayari पसंद आये होंगे जहाँ हमने आपके लिए Thokar Shayari in Hindi साझा किये है जिनको आप पढ़ सकते हो और सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों और स्टेटस के माध्यम से शेयर कर सकते है।
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