Shayari Ki Diary - हमारी जिंदगी में बहुत सारे पल आते है लेकिन कुछ लोग उन पालो को फोटो में कैद कर लेते है तो कुछ लोग अपनी डायरी में लिख लेते है। हाँ डायरी लिखना थोड़ा पुराना तरीका हो चूका है लेकिन जो व्यक्ति डायरी लिखता है वह ही समझ सकता है एक डायरी लिखने की ख़ुशी को। वो अनुभव ही अलग होता है जब आप अपने पुरे दिन का बियोरा अपनी डायरी में रखते हो और उसको सबसे छपाकर अपने पास रखते हो।
आजकल आधुनिक तकीनीकी के आने से लोग डायरी लिखना कम कर दिए है लेकिन आज भी इसका असर उतना ही सुकून वाला है जितना पहले होता था और सबसे खास बात डायरी लिखने वाला व्यक्ति काफी धैर्य वाला होता है क्युकी वो अपने सारे चीजों की डायरी में लिखकर भूल जाता है और फिरसे दूसरे दिन की शुरुआत करता है।
आजकल आधुनिक तकीनीकी के आने से लोग डायरी लिखना कम कर दिए है लेकिन आज भी इसका असर उतना ही सुकून वाला है जितना पहले होता था और सबसे खास बात डायरी लिखने वाला व्यक्ति काफी धैर्य वाला होता है क्युकी वो अपने सारे चीजों की डायरी में लिखकर भूल जाता है और फिरसे दूसरे दिन की शुरुआत करता है।
Shayari Ki Diary | शायरी वाली डायरी
आज के इस लेख में हमने आपके लिए सबसे अच्छी Shayari Ki Diary साझा की है जिनको आप पढ़ सकते हो और सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें शेयर भी कर सकते हो। आप इन Shayari Ki Diary को पढ़कर काफी अच्छा महसूस करेंगे और अगर आप डायरी नहीं लिखते तो कोशिश करिये लिखने की इससे आपके मानसिक पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ेगा और आप भी धैर्य से परिपूर्ण हो जायेंगे।हार-जीत के चक्कर में यहाँ हर कोई परेशान हैं, “ख़ुशी से जीना” भी सफ़लता का दूसरा नाम हैं।
मुमकिन नही है हर नजर में बेगुनाह रहना, कोशिश करें कि खुद की नजरों में बेदाग हों।
कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको, बिन मतलब जो आए तो क्या बात है, कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा, कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है।
जिंदगी में गलतियां करने वाले ही सलाह देते हैं, समझदार लोग कहाँ इतने फुरसत में होते हैं।
मुझे तालीम दी है मेरी फितरत ने ये बचपन से, कोई रोये तो आँसू पोंछ देना अपने दामन से।
कोई बेटा कभी न कहे ख़ुदा के लिए, माँ-बाप ने क्या किया है उसके लिए।
ये लाली, ये काजल, जुल्फें भी खुली खुली, यूँ ही जान मांग लेती, इतना इंतज़ाम क्यूं किया।
बिन बात के ही रूठने की आदत है, किसी अपने का साथ पाने की चाहत है, आप खुश रहें, मेरा क्या ह, मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।
ना जाने वो बच्चा किस खिलौने से खेलता हैं, जो दिन भर मेले में खिलौना बेचता हैं।
ऐ ज़ालिम जिंदगी तू कैसे कैसे सितम कर जाती है, जितनी मेरी उम्र नहीं उससे ज्यादा जख्म दे जाती है।
ज़माने से नहीं, तन्हाई से डरते हैं, प्यार से नहीं, रुसवाई से डरते हैं, मिलने की उमंग है दिल में लेकिन, मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरते हैं। - Shayari Ki Diary
हम सब की जो दुआ थी उसे सुन लिया गया, फूलों की तरह आप को भी चुन लिया गया।
मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए, न झुकाओ तुम निग़ाहें कहीं रात ढल न जाए।
घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली, सारी गली उनके पीछे निकली, इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से, और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली।
नदी जैसी जिन्दगी, दो किनारों जैसे हालात हैं, एक किनारें ख्वाहिशें और दुसरे किनारे औकात हैं।
Shayari Ki Diary Fb
छोटी सी लिस्ट है मेरी ख़्वाहिशों की पहले भी “तुम” और आख़िरी भी तुम।
प्यार ने ये कैसा तोहफा दे दिया, मुझको गुमो ने पत्थर बना दिया, तेरी यादों मैं ही कट गयी ये उमर, कहता रहा तुझे कब का भुला दिया।
इक गलती पर उसने रिश्तों की माला उतार फेंकी, मुझे लगता है अभी तक उसने दुनिया नहीं देखी।
मेरे अंदर की उदासी काश कोई पढ़ ले ये हँसता हुआ चेहरा तो ज़माने के लिए है।
जो हुकुम करता है, वो इल्तज़ा भी करता है, आसमान कही झुका भी करता है, और तू बेवफा है तो ये खबर भी सुन ले, इन्तेज़ार मेरा कोई वहा भी करता है।
डरना क्या जीवन में हार आयें बार-बार, एक दिन तो सबको मरना ही है यार।
पूछा हाल शहर का, तो सर झुका के बोले, लोग तो ज़िन्दा हैं, ज़मीरों का पता नहीं। - Shayari Ki Diary in Hindi
हार और असफलताओं के बाद, मुस्करा दो तो ख्वाहिशें फिर से जिन्दा हो जाती हैं।
यूँ तो शिकायते आप से सैंकड़ों हैं मगर, आप एक मुस्कान ही काफी है मनाने के लिये।
मेरी वफा के क़ाबिल नही हो तुम, प्यार मिले ऐसे इन्सान नही हो तुम, दिल क्या तुम पर ऐतबार करेगा, प्यार मे धोखा दिया ऐसे बेवफा हो तुम।
सच कह रहा हूँ दोस्त, डर केवल दिमाग के अंदर है, इसे एक बार निकाल दिया तो तू भी सिकन्दर हैं।
कब तक तेरे फरेब को हादसे का नाम दूँ, ऐ इश्क तूने तो मेरा तमाशा बना दिया।
Shayari Ki Diary Status
लम्हा लम्हा सांसें ख़तम हो रही हैं, ज़िंदगी मौत के पहलू में सो रही है, उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह, वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।
ख़ूबसूरत से लम्हें और सुनहरे से पल हैं, अब तो बता दो तुम्हें किस बात का गम हैं।
टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया, वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने आया करती थी।
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है, आँखे हंसती हैं और दिल रोता है, मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी, हमसफर उनका कोई और होता है।
आशिक के जख्मों का हिसाब कौन करेगा, वो शायर न बने तो बयान कौन करेगा। - Diary Status Shayari
मेंरे बिना रह ही जायेगी कोई ना कोई कमी, तुम जिंदगी को जितनी मर्जी संवार लेना।
अजीब सी पहेलियाँ हैं मेरे हाथों की लकीरों में, लिखा तो है सफ़र मगर मंज़िल का निशान नहीं।
वो ही मेरा ख्वाब था, वो ही मेरा जज्बात था, दिल के जर्रें-जर्रें में बसा था वो, बस उसी को ये एहसास न था।
कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं, जब दिल भर जाता है तो लोग अक्सर रूठ जाया करते हैं।
तुमने चाहा ही नहीं ये हालात बदल सकते थे, तुम्हारे आँसू मेरी आँखों से भी निकल सकते थे, तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह बस, दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे।
मेरी खुशियों से क्या दुश्मनी है, ये जिन्दगी तेरी, हम तो हरदम यूँ ही मुस्कुराते रहेंगे, ये आदत है मेरी।
रिवाज तो यही हे दुनिया का मिल जाना और बिछड जाना तुम से ये कैसा रिशता है ना मिलते हो ना बिछडते हो।
ये शेरो-शायरी सब उसी की मेहरबानी है, वो कसक जो सीने से आज भी नहीं जाती।
सच ही लोग कहते है, इश्क़ यूँ आसान नहीं होता हैं, वो इश्क़ ही क्या जिसमें दिल परेशान नहीं होता हैं।
हो तुम दिलनशीं सनम, तो हम भी हसीं हैं, ज़्यादा नहीं तुमसे तो, कुछ कम भी नहीं हैं।
मुझसे नजरें तो मिलाओ कि हजारों चेहरे, मेरी आँखों में सुलगते हैं सवालों की तरह, जुस्तजू ने किसी मंजिल पे ठहरने न दिया, हम भटकते रहे आवारा ख्यालों की तरह।
उसने दिल पर लगा रखे पहरे हैं, पर उसने दिल पर खाए घाव भी गहरे हैं।
आँसुओं से जिनकी आँखें नम नहीं, क्या समझते हो कि उन्हें कोई गम नहीं? तड़प कर रो दिए गर तुम तो क्या हुआ, गम छुपा कर हँसने वाले भी कम नहीं।
ना जाने क्यों वो हमे बेवफ़ा कहते हैं, अब तो मुस्कुराने पर होठ जलते हैं।
उसे इस बार वफ़ाओं से गुज़र जाने की जल्दी थी, मगर अबके मुझे अपने घर जाने की जल्दी थी, मैं आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता, यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी।
मुहब्बत को जब लोग खुदा मानते है, इश्क़ करने वालों को क्यों बुरा मानते है, जब जमाना ही पत्थर दिल है फिर पत्थर से लोग क्यों दुआ मांगते है।
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