Kabiliyat Shayari in Hindi - इस दुनिया में हर किसी की अपनी काबिलियत होती है जिसके हिसाब से वह काम करता है और सफलता के रस्ते पर भड़ता है। बहुत सारे व्यक्ति हम लोगो को अपने नजरिये से देखते है और हमको उसके हिसाब से जज करते है जो की बिलकुल गलत है क्युकी कोई व्यक्ति अगर गाड़ी तेज चला सकता है तो कोई हवाईजहाज तेज उड़ा सकता है क्युकी हर किसी की काबिलियत अलग होती है और उसके करने की छमता भी।
Kabiliyar Shayari in Hindi
आज के इस लेख में हमने आपके लिए कुछ Kabiliyat Shayari in Hindi साझा की है जिनको आप पढ़ सकते हो और सोशल मीडिया के माध्यम से इनको शेयर करके दूसरों की जिंदगी में भी रोशनी कर सकते हो। कभी कभी हम लोग इतने उदास हो जाते है की दूसरे लोगों की बातों में आकर वह काम करने लगते है जिसमें हमारा बिलकुल भी मन नहीं। ऐसे वक्त में एक शायरी या फिर quote ही होती है जो हमको अग्रसर करती है आगे भड़ने में।वो नापते रहेंगे तुम्हे खूबसूरती के पैमाने में, तुम अड़ी रहना खुद की काबिलियत आकने में।
ना पूछो कि मेरी मंजिल कहाँ है, अभी तो सफर का इरादा किया है, ना हारूंगा हौंसला उम्र भर, ये मैंने किसी से नहीं खुद से वादा किया है।
ये ज़िन्दगी हसीं है इस से प्यार करो, अभी है रात तो सुबह का इंतज़ार करो, वो पल भी आएगा जिसकी ख्वाहिश है आपको, रब पर रखो भरोसा वक़्त पर एतबार करो।
अभी तो असली मंजिल पाना बाकी है, अभी तो इरादों का इम्तिहान बाकी है, तोली है मुट्ठी भर जमीन, अभी तोलना सारा आसमान बाकी है।
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है,हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है, डरने वालों को मिलता नहीं कुछ ज़िदगी में, लड़ने वालों के कदमों में जहान होता है।
हौसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते, हर तकलीफ़ में ताकत की दवा देते हैं।
जिन्दगी में सफलता पाने के लिए, थोड़ा जोखिम उठाना पड़ता है, सीढ़ियाँ चढ़ते समय ऊपर जाने के लिए, नीचे की सीढ़ी से पैर हटाना पड़ता है…
एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा, आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा।
पहचान ही ना पाए खुद की काबिलयत को, दूसरो की उम्मीदों पर खरा उतरते-उतरते।
लकीरें अपने हाथों की बनाना हमको आता है, वो कोई और होंगे अपनी किस्मत पे जो रोते हैं।
ना पूछो कि मेरी मंजिल कहाँ है, अभी तो सफर का इरादा किया है, ना हारूंगा हौंसला उम्र भर, ये मैंने किसी से नहीं खुद से वादा किया है…
काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाये, हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाये, यहाँ ज़िन्दगी तो हर कोई काट लेता है, ज़िन्दगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाये।
चुनौती पर शायरी
जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा, जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा, बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता, जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा।
दीया बुझाने की फितरत बदल भी सकती है, कोई चिराग हवा पे दवाब तो डाले। - Kabiliyat Shayari Images
ज़िन्दगी में एक बात हमेशा याद रखना, हमें तब तक कोई हरा नहीं सकता, जब तक हम खुद से न हार जाये।
उदासियों की वजहें तो बहुत हैं ज़िंदगी में, बेवजह खुश रहने का मजा ही कुछ और है।
मेरी काबिलियत पर मुझे पूरा शक था, कि ये बस एक मौके की तलाश में है।
चरागों तक को जहाँ मय्यसर नहीं रौशनी, लौ उम्मीद की हमने वहाँ भी जलाये रक्खी।
जिन्दगी में सफलता पाने के लिए, थोड़ा जोखिम उठाना पड़ता है, सीढ़ियाँ चढ़ते समय ऊपर जाने के लिए, नीचे की सीढ़ी से पैर हटाना पड़ता है।
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है, नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है, बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं, बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।
हालात के मारे होते है कुछ लोग, वरना काबिलियत तो सबमे होती है।
नहीं चल पायेगा वो एक पग भी, भले बैसाखियाँ सोने की दे दो, सहारे की जिसे आदत पड़ी हो, उसे हिम्मत खड़े होने की दे दो।
दुख के दस्तावेज हो या सुख की वसीयत, गौर से देखोगे तो अपने ही दस्तखत पाओगे।
मेरे हाथों की लकीरों के इज़ाफ़े हैं गवाह, मैंने पत्थर की तरह खुद को तराशा है बहुत।
तुम साथ थे तो खुलकर हंसा करते थे, अब जुदा हो गए तो रोता भी चुपचाप-सा ही हु।
Kabiliyat Status Shayari
सबब तलाश करो अपने हार जाने का, किसी की जीत पर रोने से कुछ नहीं होगा।
दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली, तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है।
हर मील के पत्थर पर लिख दो यह इबारत, मंज़िल नहीं मिलती नाकाम इरादों से।
दिल कही लगता नहीं जान हैकि जाती नही एक वक़्त गुज़र गया,पर वो है कि -लौट के आती ही नहीं।
न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा, हमारे पाँव का काँटा है हमीं से निकलेगा।
वफ़ा की ज़ंज़ीर से डर लगता है,कुछ अपनी तक़दीर से डर लगता है,जो मुझे तुझसे जुदा करती है,हाथ की उस लकीर से डर लगता है।
जुदा हुए हैं बहुत से लोग एक तुम भी सही,अब इतनी सी बात पे क्या जिंदगी हैरान करें।
ज़िन्दगी जब ज़ख्म पर दे ज़ख्म तो हँसकर हमें, आजमाइश की हदों को आजमाना चाहिए।
ना कभी मिल पाए हो, ना कभी जुदा हो पाए हो। ये कैसा रिश्ता मेरे साथ तुम लिखवाकर लाए हो। - Kabiliyat Wali Shayari Hindi
कहती है ये दुनिया बस अब हार मान जा, उम्मीद पुकारती है बस एक बार और सही।
ज़माना बन जाए कागज़ का, और समंदर हो जाए स्याही का, फिर भी कलम लिख नहीं सकती, दर्द तेरी जुदाई का।
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत, यह एक चिराग कई आँधियों पे भारी है।
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