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छठ पूजा कितने दिन का होता है?

Chhat Puja Kitne Din Ka Hota Hai: छठ पूजा, भारतीय राज्यों में मनाई जाने वाली एक विशेष पर्व है जो सूर्य देव की पूजा के लिए की जाती है। यह पर्व विशेषकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और विभिन्न उत्तर भारतीय राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा का आयोजन किसी भी विशेष तिथि पर नहीं होता है बल्कि इसे सूर्योदय और सूर्यास्त के दिनों में मनाया जाता है।

छठ पूजा कितने दिन का होता है

छठ पूजा की तिथि और अवधि

छठ पूजा विशेष रूप से छठी तिथि को मनाई जाती है जो हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी होती है। छठ पूजा का पर्व प्रायः चार दिन तक चलता है। इसमें श्रद्धालु अपने घरों को साफ-सुथरा करते हैं और सूर्य देव की पूजा-अर्चना के लिए तैयारी करते हैं। छठ पूजा में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में अंधकार में चाँदनी से सजीवता का संकेत माना जाता है, और इस अवसर पर व्रती अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रदर्शन करते हैं।

छठ पूजा के इस अद्वितीय पर्व का महत्व विशेष रूप से उत्तर भारतीय समुदायों में है, जहां लोग इसे बहुत धूमधाम से मनाते हैं और सूर्य देव के प्रति अपनी अद्वितीय भक्ति का इजहार करते हैं। छठ पूजा के दिनों में लोग नदीयों और झीलों के किनारे जाकर अपनी पूजा करते हैं और इस अवसर पर परिवार के सभी सदस्यों के साथ खास तौर से मिलना-जुलना करते हैं।

पर्यावरण समृद्धि के साथ छठ पूजा

छठ पूजा का आयोजन विशेष रूप से पर्यावरण समृद्धि की दिशा में भी किया जाता है। इस पर्व में लोग नदीयों और झीलों के किनारे स्थित घाटों पर जाकर सूर्य देव की पूजा के लिए उपयुक्त स्थानों को सजाते हैं। इससे न केवल विशेष आत्मा की शुद्धि होती है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लिया जाता है। छठ पूजा का आयोजन समुद्र तटों पर भी होता है, जहां लोग सूर्यास्त और सूर्योदय के समय में समुद्र तट पर अपनी पूजा करते हैं, जिससे एक अद्वितीय और आत्मगत पर्व का अनुभव होता है।

छठ पूजा एक सामाजिक पर्व भी है जो लोगों को एक-दूसरे के साथ मिलकर इस महत्वपूर्ण घड़ी में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है। परिवार के सभी सदस्य एक साथ समूह बनाते हैं और सूर्य देव की पूजा के लिए साझा यात्रा करते हैं। इस दौरान लोग साथ में गाने गाते हैं, परंपरागत गीतों को याद करते हैं, और एक दूसरे के साथ समय बिताने का आनंद लेते हैं। इस प्रकार, छठ पूजा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगीत से भरा महत्वपूर्ण पर्व भी है।

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