Are you looking the best Rahat Indori Shayari? If yes so I can understand your excitement that's why today here I'm gonna tell you about a to z about Rahat Indoor and also I have shared his Shayari which you can use in your status and story.
Rahat Indori - The full name of Rahat Indori is Rahat Qureshi. He was born on 1 January 1950 in Indor. Rahat Indori is one of the greatest poet, shayar and author. The Kapil Sharma also invite him twice in his show The Kapil Sharma which is one of the famous Indian Comedy show. There are so many poem and Shayari which Rahat Indori has written but his one of the viral poet is Bulati Hai Magar Jane Ka Nahi. This poet got viral on TikTok and many people made a duet on this poet. Rahat Indori has a great value in the poets. He has written several books like Rut, Do Kadar or Sahi, Mere Baad, Dhoop Bhaut Hai and many more.
Credit - All images and Shayari are sources from the YouTube.
Rahat Indori Shayari
Now without washing our time Let's move to the Rahat Indori Shayari. I have tried to share all the poem and Shayari in this list so please stay tuned with me till the end so you can read every Rahat Indori Shayari.अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं, पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं||
रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं, रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है।
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें , जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें, शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम, आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें।
मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया, इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।
बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए, मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए।
जवान आँखों के जुगनू चमक रहे होंगे, अब अपने गाँव में अमरुद पक रहे होंगे। भुलादे मुझको, मगर मेरी उंगलियों के निशान तेरे बदन पे अभी तक चमक रहे होंगे।।
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ।
आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो, जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो।
हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं, आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं, मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया, मेरे कमरे में भी एक “ताजमहल” रखा हैं।
नए किरदार आते जा रहे हैं, मगर नाटक पुराना चल रहा है।
Rahat Indori Shayari in hindi
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे, कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते!!
मौसमो का ख़याल रखा करो, कुछ लहू मैं उबाल रखा करो। लाख सूरज से दोस्ताना हो , चंद जुगनू भी पाल रखा करो।
हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते, जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते, अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है, उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते।
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे, जो हो परदेश में वो किससे रजाई मांगे।
अब जो बाज़ार में रखे हो तो हैरत क्या है, जो भी देखेगा वो पूछेगा की कीमत क्या है, एक ही बर्थ पे दो साये सफर करते रहे, मैंने कल रात यह जाना है कि जन्नत क्या है।
राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना, हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना।
आग के पास कभी मोम को लाकर देखूं, हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं, दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है, सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूं।
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए, जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए। भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।
जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे, में कितनी बार लुटा हु, मुझे हिसाब तो दे, तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे।
इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए, तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए।
Rahat Indori Shayari Bulati hai Magar Jane ka nhi
उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब, चाक़ू वाक़ू, छुरियां वुरियां, ख़ंजर वंजर सब, जिस दिन से तुम रूठीं,मुझ से, रूठे रूठे हैं। चादर वादर, तकिया वकिया, बिस्तर विस्तर सब मुझसे बिछड़ कर, वह भी कहां अब पहले जैसी है फीके पड़ गए कपड़े वपड़े, ज़ेवर वेवर सब।
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए।
जवानिओं में जवानी को धुल करते हैं, जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं।
रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं, चाँद पागल हैं अन्धेरें में निकल पड़ता हैं। उसकी याद आई हैं सांसों, जरा धीरे चलो धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं।
यही ईमान लिखते हैं, यही ईमान पढ़ते हैं, हमें कुछ और मत पढवाओ, हम कुरान पढ़ते हैं। यहीं के सारे मंजर हैं, यहीं के सारे मौसम हैं, वो अंधे हैं, जो इन आँखों में पाकिस्तान पढ़ते हैं।
इस दुनिया ने मेरी वफ़ा का कितना ऊँचा मोल दिया बातों के तेजाब में, मेरे मन का अमृत घोल दिया, जब भी कोई इनाम मिला हैं, मेरा नाम तक भूल गए, जब भी कोई इलज़ाम लगा हैं, मुझ पर लाकर ढोल दिया।
दोस्ती जब किसी से की जाये, दुश्मनों की भी राय ली जाए। बोतलें खोल के तो पि बरसों आज दिल खोल के पि जाए।
यही ईमान लिखते हैं, यही ईमान पढ़ते हैं हमें कुछ और मत पढवाओ, हम कुरान पढ़ते हैं यहीं के सारे मंजर हैं, यहीं के सारे मौसम हैं वो अंधे हैं, जो इन आँखों में पाकिस्तान पढ़ते हैं।
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो, दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो।
आँख में पानी रखो , होंटों पे चिंगारी रखो, ज़िंदा रहना है तो , तरकीबें बहुत सारी रखो।
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है, उम्र गुज़री है तिरे शहर में आते जाते
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FAQs
Q-1 Who is Rahat Indori?
Ans - Rahat Indori is a poet, Shayar and author.
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