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Gulzar Shayari in Hindi | Gulzar Ki Shayari 2021

हेलो दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है गुलजार जी की शायरियों के बारे में।  गुलजार जी बहुत बड़े और दिग्गज कलाकार थे।  गुलज़ार शाहब ने अपना करियर एक म्यूजिक डायरेक्टर बन कर किया और काफी सारे म्यूजिक डायरेक्टर के साथ काम किया। इनको 2004 में पामभूषण पद से भी सम्मानित किया गया। इन्होने आंधी, मौसम, मिर्ज़ा ग़ालिब, किरदार आदि जैसी बहुत साडी फिमे की।  गुलज़ार साहब एक बढ़त बड़े कवी और शायर भी मने जाते है और उनकी शायरियाँ लोगो के दिलों में राज करती है।

Gulzar Shayari 

तो बिना वक्त बर्बाद किये सीधे भड़ते है Gulzar shayari की तरफ और आज हम आपको उनकी कुछ जानी मानी शायरिओं से रूबरू कराएँगे। 

Gulzar Shayari

वह जो सूरत पर सबकी हंसते हैं, उनको तोहफे में एक आईना दीजिए - गुलज़ार
 vehe jo surat par sabki haste hai, Tohfe me ek aiyna dijiye - Gulzar

तुझे पहचानूंगा कैसे? तुझे देखा ही नहीं, ढूँढा करता हूं तुम्हें अपने चेहरे में ही कहीं - गुलजार

Tujhe Pahchnunga kese? Tujhe hi nh, dhundha karta hun tumhe apne chehre me hi kahi - Gulzar



कुछ शिकायत बनी रहे तो बेहतर है, चाशनी में डूबे रिश्ते वफादार नहीं होते। - गुलज़ार

Kuch Shikayar bani rehti to behetar hai, Chasni me dube wafadar nhi hote. - Gulzar

लोग कहते हैं मेरी आँखें मेरी माँ सी हैं,  यूं तो लबरेज़ हैं पानी से मगर प्यासी हैं - गुलज़ार



Log kehte hai meri ankhe meri man si hai, Yun to labrej hai pani se magar pyasi hai. - Gulzar



कैसे गुजर रही है सब पूछते हैं, कैसे गुजारता हूं कोई नहीं पूछता । - गुलज़ार



Kese gujar rahi hai sab puchhte hai, Kese gujarta hunn koi nhi puchhta - Gulzar 


कान में छेद है पैदायशी आया होगा, तूने मन्नत के लिये कान छिदाया होगा - गुलज़ार

Kan me chhed hai pedayashi aya hoga, tune mannat ke liye ka chhidaye hoga - Gulzar

तेरी तरह बेवफा निकले मेरे घर के आईने भी, खुद को देखूं तेरी तस्वीर नजर आती है। - गुलज़ार

Teri trah bevfa nikle mere ghar ke ayine bhi, khud ko denkhu teri tasvir najar ati hai - Gulzar

सामने दाँतों का वक़्फा है  तेरे भी होगा, एक चक्कर तेरे पाँव  के तले भी होगा - गुलज़ार

Samne danto ka vakfa hai tere bhi hoga, ek chakkar tere paov ke tale bhi hoga - Gulzar

सच को तमीज ही नहीं बात करने की, झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है। - गुलज़ार

Sach ko tamij hi nhi bta karne ki, Jhuth ko dekho kitna mitha bolta hai. - Gulzar


Gulzar Shayari in Hindi


जाने किस जल्दी में थी जन्म दिया, दौड़ गयी। क्या खुदा देख लिया था कि मुझे छोड़ गयी - गुलज़ार

Jane kis jaldi me thi janm diya, Chhod gai. kya khuda dekh liya tha ki mujhe chhod gai - Gulzar

कुछ ऐसे हो गए हैं इस दौर के रिश्ते, आवाज अगर तुम ना दो तो बोलते वह भी नहीं। - गुलज़ार

Kuch ese ho gaye hai is dor ke rishte, Avaj agr tum na do to bolte waha bhi nhi - Gulzar

बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार, मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है - गुलज़ार

Bahut muskil sekarta hun, teri yaadon kar karobar, Mnuafa kam hai, par gujara ho hi jata hai - Gulzar

चुप हो तो पत्थर ना समझना मुझे, दिल पर असर हुआ है किसी अपने की बात का। - गुलज़ार

Chup ho to paththar na samjhna mujhe, Dil par asar hua hai kisi apne ki bat ka - Gulzar

सुनो….ज़रा रास्ता तो बताना. मोहब्बत के सफ़र से, वापसी है मेरी..

Suno... Jara rasta to batana. Mohhbat ke safar se, wapsi hai meri... - Gulzar

तुझसे कोई शिकवा शिकायत नहीं है जिंदगी तूने जो भी दिया है वही बहुत है। - गुलज़ार

Tujhse koi shikva shikayar nhi hai jindgi tune jo bhi diya hai wahi bahut hai - Gulzar Shayari

आज हर ख़ामोशी को मिटा देने का मन है जो भी छिपा रखा है मन में लूटा देने का मन है.. - गुलज़ार
Aaj har khamoshi ko mita dene ka man hai jo chhipa rkha hai man me luta dene ka man hao - Gulzar

वह चीज जिसे दिल कहते हैं, हम भूल गए हैं रखकर कहीं। - गुलज़ार

Vaha chij jise dil kehte hai, ham bhul gye hai rakhkar kahin...

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है - गुलज़ार

Sham se ankh me nami hai, aaj fir aap ki kami si hai - Gulzar

एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी, ऐसा तो कम ही होता है वह भी हो तन्हाई भी। - गुलज़ार

Ek purana mausam lota yaad bhari purvai bhi, Esa to kam hi hota hai waha bhi ho tanhai bhi - Gulzar

Best Gulzar Shayari 


वक़्त रहता नहीं कहीं थमकर इस की आदत भी आदमी सी है - गुलज़ार

Vaakt rehta nhi kahin thamkar is ki adat bhi admi si hai - Gulzar

गुलाम  थे तो हम सब हिंदुस्तानी थे, आजादी ने हमें हिंदू मुसलमान बना दिया। - गुलज़ार

Gulam the to ham sab hindustani the, Ajadi ne hame hindu muslim bna diya. 

वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था  ख़त का रुख़ दिखा रहा था। कुछ और भी हो गया नुमायाँ मैं अपना लिक्खा मिटा रहा था - गुलज़ार

Wo khat ke purje ud rha tha kkhat ka rukh dikha rha tha. Kuch or bhi ho gya numayan me apna likhta - Gulzar

उसी का ईमाँ बदल गया है कभी जो मेरा ख़ुदा रहा था, वो एक दिन एक अजनबी को मेरी कहानी सुना रहा था।  वो उम्र कम कर रहा था मेरी मैं साल अपने बढ़ा रहा था, बताऊँ कैसे वो बहता दरिया जब आ रहा था तो जा रहा था, धुआँ धुआँ हो गई थी आँखें चराग़ को जब बुझा रहा था। - गुलज़ार

Usi ka iman Badal gya hai kabhi jo mera khuda rha tha, wo ek din ek ajnabi ko meri kahani suna rha tha. Wo umra kam kar rha tha  meri me saal apne bda rha tha, Bataun kese wo behta dariya jab aa rha tha to ja rha tha, dhua ho gai thi ankhe chrag ko jab bujha rha tha - Gulzar

बहुत छाले हैं उसके पैरों में , कमबख्त उसूलों पर चला होगा। - गुलज़ार

Bahut chhale hai uske pero mer, kambhakht usulon pat chla hoga - Gulzar

मुंडेर से झुक के चाँद कल भी पड़ोसियों को जगा रहा था, ख़ुदा की शायद रज़ा हो इसमें तुम्हारा जो फ़ैसला रहा था। - गुलज़ार

Munder se jhunka ke chand kal bhi padosiyon ko jga rha tha, khuda ki shayad rja ho isme tumhara jo fensla rha tha.. - Gulzar


Gulzar Ki Shayari


तुम ठहरो ,आज वक्त को जाने दो। - गुलज़ार

Tum thehro, aaj vkt ko jane do... - Gulzar

आप के बाद हर घड़ी हम ने आप के साथ ही गुज़ारी है... - गुलज़ार

Aap ke bad har ghadi ham ne aap ke sath hi gujari hai... - Gulzar

फासला बढ़ा लिया तुमने, मैंने दीवार पक्की कर ली, जरा सी गलतफहमी  ने देखो कितनी तरक्की कर ली। - गुलज़ार

Fasla bda liya tumne, mene diwar pakki kr li, jra si galatfehmi ne dekho kitni trakki kar li - Gulzar

रात को दे दो चाँदनी की रिदा, दिन की चादर अभी उतारी है.... - गुलज़ार

Raat ko de do chandi ki rida, din ki chadar abhi utari hai.. - Gulzar

तोड़कर जोड़ लो चाहे हर चीज दुनिया की, सब कुछ काबिले मरम्मत है एतबार के सिवा। - गुलज़ार

Todkar jod lo chahe har chiij duniya ki, sab kuch kabile marmmat hai etbar ke siva.. Gulzar

जब जान देने को तैयार थे तो हजारों की भीड़ में भी एक दुश्मन ना मिला, और आज जब मरने का शौक खत्म हो गया तो अपने ही कब्र तक ले जाने को तैयार बैठे हैं। - गुलज़ार

Jab jaan dene ko teyar the to hazaro ko bhid me bhi ek dushman na mila, or aaj jab marne ka shok khatam ho gya to apne hi kabra tak le jane ko teyar bethe hai..  - Gulzar

दोहराई जाएंगे ना यह लम्हा अब कभी, सपनों में भी ना छूटेगा यह साथ अब कभी, मिलती है जिंदगी जब आप मुस्कुराए हैं, आंखों में हमने आपके सपने सजाए हैं।  - गुलज़ार

Dohrai jayengi na yaha lamha aab kabi, sapno me bhi na chhutega yah sath ab kabhi, milti hai jindgi jab aap muskuraye hai, ankhe me hamne ako apnne sajaya hai... - Gulzar

FAQ

गुलज़ार कोन है?
गुलज़ार जी एक कवि, लेखक, फिल्म डायरेक्टर आदि है। 

गुलजार जी की फिल्म कौन कौन सी है?

गुलजार जी ने अनेको फिल्मे की है और उनमे से कुछ आंधी, मौसम, मिर्ज़ा ग़ालिब, किरदार आदि है। 

Closing Lines:


आशा करता  हूँ की आपको ये Gulzar shayari in Hindi पसंद आयी होंगी क्यूंकि ये Gulzar shayari में मेने उन सब चीजों का जीक्र किया है जो एक व्यक्ति को शराबी बनती है। अगर आपको भी Gulzar shayari या और किसी प्रकार की शायरी लिखने का शोक है तो हमें कमेंट में जरूर बताये और अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करे।


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